गब्बर: कितने आदमी थे
सांभा: 4 सरदार
सांभा: 4 सरदार
गब्बर: कौन कौन
सांभा:
राम पाल
राम रहीम
आशा राम
राम बृक्ष
सांभा:
राम पाल
राम रहीम
आशा राम
राम बृक्ष
गब्बर: क्या बात है रे कालिया ये चारों मे राम ही राम है
ठाकुर: “राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट ,अपनी लुटिया बची रही रहे चाहे किसी को कूट”
गब्बर: जियो रे ठाकुर, अब अगला नंबर किसका?
कालिया: अरे वही जो आँख मारता रहता है
बसंती: सरदार बाबा राम देव
गब्बर: इ तो गज़ब होई गवा ससुरा इसमे भी —राम!!
ठाकुर: “राम नाम की लूट है लूट सको तो लूट ,अपनी लुटिया बची रही रहे चाहे किसी को कूट”
गब्बर: जियो रे ठाकुर, अब अगला नंबर किसका?
कालिया: अरे वही जो आँख मारता रहता है
बसंती: सरदार बाबा राम देव
गब्बर: इ तो गज़ब होई गवा ससुरा इसमे भी —राम!!
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